FIFA Women goalkeeping refresher course
स्थानीय लक्ष्मीबाई शारीरिक शिक्षा संस्थान में दिनांक 22.08.2016 से 28.08.02016 को सुबह 10.30 बजे पांच दिवसीय फीफा और एआईएफएफ के मदद से “फीफा विमेन गोलकीपिंग रिर्फेशर कोर्स” का आज उदघाटन हुआ। इस अवसर पर संस्थान के कुलपति प्रो. दिलीप कुमार डुरैहा जी मुख्य अतिथि के तौर पर एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर संस्थान के कुलसचिव प्रो. विवेक पांडे पर मौजूद थे। साथ ही संस्थान के सहायक प्राध्यापक डा. दीपक शर्मा, एआईएफएफ के महिला फुटबाल विभाग की प्रबंधक इंदु चैधरी, अकंाशा व बेल्जियम से मुख्य प्रशिक्षिका के तौर पर मिस नोई मौजुद रही। सर्वप्रथम मंच पर मौजूद सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। इसके पश्चात̖ एआईएफएफ की महिला फुटबाल विभाग की प्रबंधक इंदु चैधरी ने सभा को संबोधित किया और बताया कि वह पिछले साल भी संस्थान मे ऐसे ही एक कार्यशाला का आयोजन करा चुकी है और संस्थान की खेल के प्रति समर्पण और समर्थन का वह बेहद सम्मान करती है। साथ ही उन्होने बताया कि वह आगे भी ऐसे कार्यशालाओं व कार्यक्रमो का आयोजन कराना चाहंेगी। उन्होने संस्थान के सहयोग के लिए कुलपति जी को धन्यवाद दिया। इसके बाद मुख्य प्रशिक्षिका मिस नोई ने सभी को बताया कि और वह बेलजियम मे शिक्षिका के साथ ही वह महिला गोलकीपिंग के क्षेत्र मे प्रशिक्षण का कार्य भी करती है। मिस नोई ने बताया कि गोलकीपिंग का फुटबाल मे विशेष महत्व है और इसमे बेहतर करके आप अपने टीम के जीत मे योगदान दे सकते है। उन्होने सभी प्रतिभागियोें से कहा कि उम्मीद है कि आप सब मेरे साथ इस कार्यशाला को मनोरंजन के साथ के पुर्ण कर सके और गोलकीपिंग की बारिकीयों को समझ सके। इस कोर्स मे पूरे भारत से कुल 21 महिला प्रतिभागी शामिल हुए है। यह कोर्स महिला कोच प्रतिभागीयों के लिए है। मिस नोई ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि इस आज लोग फुटबाल मे रक्षात्मक तकनीक का प्रयोग ज्यादा कर रहे है जबकि वह आक्रामक तकनीक का प्रयोग कर ज्यादा अच्छा खेल सकते है। गोलकीपर के खेल मे हाथो के ज्यादा प्रयोग पर उन्होने कहा कि अगर वह पैरों से ज्यादा अच्छा खेले तो वह टीम के खेल मे ज्यादा योगदान कर सकते है। महिला फुटबाल गोलकीपरों के खेल के समस्या के बारे मे बताते हुए कहा कि जब भरे हुए स्टेडियम मे गेंद पेनाल्टी कार्नर से हवा मे उपर उछाली जाती है तो उन्हे समस्या होती है। वह ऐसे कई समस्याओं को इस कोर्स के दौरान अवगत कराएगी। इस कोर्स मे उम्र का विशेष ध्यान रखा जाता है कि वह इसे अच्छे से अपना सके।
|
||
LFkkuh; y{ehckbZ jk’Vªh; “kkjhfjd f”k{kk laLFkku esa fnukad 26-08-2016 dks 02-30 cts ikap fnolh; QhQk vkSj ,vkbZ,Q,Q ds enn ls “kq: gqbZ “QhQk foesu xksydhfiax fjQsZ”kj dkslZ” dk vkt lekiu gqvkA lekiu lekjksg es laLFkku ds dqylfpo izks- foosd ikaMs eq[; vfrfFk ds rkSj ij ij ekStwn FksA lkFk gh laLFkku ds lgk;d izk/;kid Mk- nhid “kekZ] ,vkbZ,Q,Q dh izfrfuf/k vdak”kk o csfYt;e ls eq[; izf”kf{kdk ds rkSj ij fel uksbZ ekStqn FkhA lekiu lekjksg dh “kq:vkr es loZizFke csfYt;e ls eq[; izf”kf{kdk ds rkSj ij fel uksbZ dks iq’Ik xqPN o eksesUVks nsdj lEekfur fd;k x;kA blds i”pkr̖ lekjksg dks lacksf/kr djrs gq, laLFkku ds dqylfpo izks- foosd ikaMs lcls igys QhQk dks vkSj muds vksj ls vk;h izfrfuf/k fel uksbZ dks /kU;okn fn;kA QhQk dh bl igy dh ljkguk djrs gq, izks- ikaMs us dgk fd laLFkku es ges”kk gh ,sls dkslksZa o dk;Z”kkykvksa dk Lokxr gS ftlls fd [ksyksa ds mRFkku o fodkl es lgk;rk feysA fel uksbZ us dgk fd Hkkjr vkdj bl dkslZ dks djkdj mUgsa csgn [kq”kh feyhA izfrHkkfx;ksa dh rkfjQ es dgk fd Hkkjrh; f[kykM+h;ksa es lh[kus dh bPNk izcy gS vkSj lgh fn”kk fn[kkus ls og fo”oLrj ij Hkkjr dk Madk ctk ldrh gSA bl ikap fnolh; dkslZ es lHkh izfrHkkfx;ksa dks lS)kfUrd] izk;ksfxd o leqg ds }kjk [ksy dh ckfjfd;ksa ls voxr djk;k x;kA fel uksbZ vkSj ,vkbZ,Q,Q dh izfrfuf/k vdak”kk us laLFkku ds lg;ksx ds fy, /kU;okn fn;kA var es lHkh izfrHkkfx;ksa dks iz”kfLr i= ckaVk x;kA
|